सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में बिल्डरों और बैंकों के बीच कथित अवैध गठजोड़ की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला उन कई शिकायतों के बाद लिया है, जिनमें दावा किया गया था कि कुछ रियल एस्टेट कंपनियों और बैंकों के अधिकारियों ने मिलकर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की हैं।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बिल्डर-बैंक गठजोड़ में आम लोगों, खासकर फ्लैट खरीदारों के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। अदालत ने मामले को “जनहित से जुड़ा गंभीर विषय” करार देते हुए कहा कि इसकी निष्पक्ष और गहन जांच केवल CBI जैसी स्वतंत्र एजेंसी ही कर सकती है।
इस आदेश से उन हजारों खरीदारों को उम्मीद की किरण मिली है जो वर्षों से अपने घरों के लिए लड़ रहे हैं। कोर्ट ने CBI को जांच जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।