सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली–NCR में आवारा कुत्तों को हटाने से जुड़े suo motu मामले को दो-न्यायाधीशीय बेंच से पुनः सुनवाई के लिए तीन-न्यायाधीशीय बेंच (न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजारिया की अध्यक्षता में) को हस्तांतरित कर दिया है। यह सुनवाई आज सुबह 10:30 बजे शुरू हुई।
11 अगस्त को, एक दो-न्यायाधीशीय बेंच (न्यायमूर्ति जे.बी. परदीवाला व न्यायमूर्ति आर. महादेवन) ने दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद तथा फ़रीदाबाद से सभी आवारा कुत्तों को shelters में स्थानांतरित करने और उन्हें वापस छोड़ने से रोकने का आदेश दिया था। साथ ही, नियमों के अनुसार उन्हें स्टेरिलाइज़, टीकाकरण और डीवार्मिंग करने का निर्देश भी दिया गया था।
इस आदेश के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए—किसीने दिल्ली में कैंडल मार्च आयोजित किया, पीटा इंडिया ने इसे “अव्यवहारिक, अनुचित और अवैधानिक” बताया, जबकि राजनीतिक और पशु-हितैषी समूहों ने वैज्ञानिक व मानवीय दृष्टिकोण जैसे स्टेरिलाइजेशन, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल पर बल दिया।
अब सुप्रीम कोर्ट की इस तीन-न्यायाधीशीय बेंच के फैसले की निगाहें टिकी हैं—क्या वे पहले की सख्त पंक्ति पर फिर से विचार करेंगे, या Humane और दीर्घकालिक समाधान खोजेंगे?