नकदी विवाद: सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस वर्मा की याचिका पर होगी सुनवाई, CJI ने खुद को किया अलग

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा द्वारा दायर “कैश-रोक जांच” याचिका पर सुनवाई के लिए विशेष बेंच बनाने का फैसला किया है। चीफ जस्टिस बी.आर. गवाई ने यह जिम्मेदारी खुद लेने से इनकार किया, क्योंकि वे इस मामले में पूर्व में शामिल रहे थे—इसलिए उन्होंने खुद को इस मामले से अलग कर लिया ।

वर्मा, जो इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश हैं, मार्च में अपने दिल्ली मूल अधिकारी आवास में आग लगने के बाद बरामद भारी मात्रा में नकद को लेकर लगाये गए आरोपों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे हैं। तीन-न्यायाधीशों द्वारा गठित इन-हाउस जाँच पैनल ने उन्हें गलत माना था और पूर्व CJI संजीव खन्ना ने उन्हें हटाने की सिफारिश की थी।

सीजेआई गवाई ने अधिवक्ता कपिल सिब्बल की मांग पर सुनवाई जल्द से जल्द कराने का आश्वासन दिया लेकिन कहा कि उन्हें खुद इस मुकदमे की सुनवाई में शामिल होना “उपयुक्त नहीं” लगेगा ।

वर्मा की याचिका का मुख्य तर्क है कि इन-हाउस जांच प्रक्रिया “संसदीय अनुच्छेद 124 और 218” द्वारा स्थापित संवैधानिक मार्ग की जगह एक “अतिरिक्त-संवैधानिक” मार्ग स्थापित करती है, जो न्यायपालिका की स्वतंत्रता और प्राकृतिक न्याय के मानकों का उल्लंघन है ।

इस शीघ्र सुनवाई की मांग संसद में संभावित महाभियोग प्रस्ताव से पहले आई है—जहां 145 से अधिक सांसदों ने वर्मा को हटाने की मांग की है ।

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