तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार को 234 सवालों का विस्तृत प्रश्नावली भेजी है, जिसमें संविधान को “सच्चे संघ-ध्वारा” (“genuinely federal”) बनाने के लिए मांग उठाई गई है।
इस प्रश्नावली में भाषा और पहचान, राज्य शासन, बुनियादी ढांचा, वित्तीय अधिकार, संविधान संशोधन प्रक्रिया, राज्य और किस्म-निर्धारण (delimitation), राज्यों में चुनाव और अंतर-राज्य नदियों पर विवाद जैसे मुद्दे शामिल हैं।
प्रश्नों ने यह भी सवाल किया है कि क्या एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी का प्रभुत्व और “हाई-कमांड संस्कृति” (जहाँ मुख्यमंत्री पार्टी मुख्यालय तय करता है) संघवाद को कमजोर कर रही है? प्रश्नावली में यह भी पूछा गया कि जब निजी क्षेत्र को बुनियादी ढांचे में शामिल किया जा सकता है (जैसे हवाई अड्डे, बंदरगाह, रेलवे), तो राज्य सरकारों को इसमें भाग क्यों नहीं दिया जाता?
यह कदम उच्च-स्तरीय समिति के माध्यम से लिया गया है, जिसकी अगुवाई पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश कुरियन जोसेफ कर रहे हैं, और इसकी अंतिम रिपोर्ट दो वर्षों में प्रस्तुत की जाएगी।तमिलनाडु की यह पहल संघ-वाद की पुनर्स्थापना, सांस्कृतिक-भाषाई विविधता की रक्षा और राज्यों को अधिक स्वायत्तता देने की दिशा में प्रमुख कदम मानी जा रही है।