तेलंगाना के मुख्यमंत्री A. रेवंत रेड्डी ने दिल्ली के जंतर मंतर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और BC नेताओं के साथ धरना शुरू किया, ताकि राज्य में Backward Classes (BC) के लिए 42% आरक्षण बिलों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल सके। ये विधेयक मार्च में विधान सभा में पास कर गवर्नर द्वारा राष्ट्रपति को भेजे गए थे, लेकिन अब तक उनकी मंजूरी नहीं मिली है।
रेवंत ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जानबूझकर मंजूरी प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है, जिससे उसे “BC विरोधी” के रूप में देखा जाएगा । उन्होंने कहा कि यह आंदोलन कांगे्रस की “जातिगत जनगणना” और “सामाजिक न्याय” पर आधारित प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
इस धरने के साथ कांग्रेस ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया, लेकिन चर्चा से इनकार कर दिया गया। आंदोलन रविवार तक चलेगा और सोमवार को राष्ट्रपति से ज्ञापन सौंपकर मंजूरी की पुनः मांग की जाएगी ।
तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण (SEEEPC survey) के आधार पर यह आरक्षण प्रस्तावित किया गया है, जिसमें BC आबादी लगभग 56% दर्ज की गई है। राज्य सरकार की मांग है कि इस डेटा के आधार पर बाकी राज्यों के लिए भी इसे मॉडल के रूप में स्थापित किया जाए ।