यूरोपीय संघ की रूस पर लगाई गई 18वीं प्रतिबंध पैकेज में शामिल नायरा एनर्जी भी प्रभावित हुई है, जिससे कंपनी को कई ओर से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रतिबंध के बाद, कई शिपिंग कंपनियों ने अपने टैंकरों को जारी रखने की बजाय नायरा से अपने अनुबंध समाप्त करने की मांग की है, जिससे पेट्रोल-पंप, गैसोलीन और जेट ईंधन निर्यात प्रभावित हो रहा है ।
इसके अलावा, Microsoft ने अचानक नायरा की IT सेवाएँ बंद कर दीं थीं, जिससे कंपनी को अपनी डेटा संचार प्रणाली में बाधा आई। बाद में कोर्ट में याचिका दायर करने पर Microsoft ने सेवाएँ बहाल कर दीं, लेकिन इसने ऑपरेशनल बाधा को गहरा दिया है।
प्रतिबंधों के कारण, कंपनी ने अपने वडिंअर स्थित 4 लाख बैरल प्रतिदिन क्षमता वाले रिफाइनर को 70–80% क्षमता पर सीमित कर दिया है, क्योंकि ईंधन स्टोरेज समस्या उत्पन्न हो गई है और निर्यात आसान नहीं रह गया है ।
कंपनी के CEO Alessandro des Dorides के इस्तीफे के बाद Sergey Denisov को नया CEO नियुक्त किया गया है और नायरा ने Microsoft के खिलाफ विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है ।
रूसी तेल कंपनी Rosneft (49% हिस्सेदारी) ने इस निर्णय को “अवैध और अनुचित” बताया है और कहा है कि यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है ।