रायबरेली में 11 सितंबर को आयोजित दिशा बैठक के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बैठक में जब मंत्री सिंह ने बिना अनुमति के अधिकारियों से सवाल पूछे, तो राहुल गांधी ने उन्हें बैठने का निर्देश देते हुए कहा, “बोलने से पहले अनुमति लेनी चाहिए थी।”
इस पर मंत्री सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि जब राहुल गांधी खुद लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति का सम्मान नहीं करते, तो उन्हें यह अधिकार नहीं है कि वह उन्हें निर्देश दें। उन्होंने यह भी कहा कि दिशा बैठक का मंच विकास कार्यों के लिए है, न कि पार्टी राजनीति के लिए। सिंह ने कहा, “जब वह विकास के लिए काम करते हैं, तो मैं उनका समर्थन करता हूँ, लेकिन जब वह इसे पार्टी राजनीति के लिए इस्तेमाल करते हैं, तो मैं उनका विरोध करता हूँ।”
यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। मंत्री सिंह ने इस विवाद को लेकर राहुल गांधी से माफी की मांग की है। यह नोकझोंक आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह रायबरेली जैसे गांधी परिवार के गढ़ में भाजपा की सक्रियता को दर्शाता है।