CAG का बड़ा खुलासा: 2020 से 2024 के बीच यूपी के सरकारी अस्पतालों में ₹924 करोड़ की बिना जांची दवाएं वितरित

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट ने उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 से 2024 के बीच राज्य के सरकारी अस्पतालों में लगभग ₹924 करोड़ की दवाएं बिना किसी गुणवत्ता जांच या प्रयोगशाला परीक्षण के ही मरीजों को वितरित कर दी गईं।

CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रदेश में मेडिकल स्टोरों और दवा आपूर्ति इकाइयों द्वारा दवाओं की गुणवत्ता जांच के मानकों को नजरअंदाज किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, कई जिलों में तो दवाओं की जांच के लिए आवश्यक प्रयोगशालाएं या तो मौजूद ही नहीं थीं या उन्होंने जांच रिपोर्ट तैयार नहीं की।

यह गंभीर लापरवाही न केवल राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि लाखों मरीजों की जान को भी खतरे में डालने वाला कदम माना जा रहा है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पर सवालों की बौछार शुरू हो चुकी है।

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