69,000 शिक्षक भर्ती घोटाले पर उत्तर प्रदेश में अभ्यर्थियों का उग्र विरोध, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती घोटाले को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा उबाल पर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण नियमों के उल्लंघन पर भर्ती प्रक्रिया को रद्द किए जाने के बाद, अभ्यर्थियों ने लखनऊ के इको गार्डन में 600 से अधिक दिनों तक धरना दिया। उनकी मुख्य मांग थी कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय मिले और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई और कई योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति से वंचित किया गया। इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरक्षण में विसंगति की बात स्वीकार की थी और बेसिक शिक्षा विभाग को न्यायसंगत समाधान के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, भर्ती प्रक्रिया में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा और आक्रोश बढ़ा।

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता और भर्ती प्रक्रिया में सुधार नहीं होता।

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