लखनऊ/इटावा में विश्वासघात और सांस्कृतिक विवाद के बीच, दंडरपुर गाँव में कथावाचक के बलपूर्वक ट Tonsuring की घटना ने उग्र मोड़ ले लिया। 21 जून की रात्रि हुई इस जातीय ट Tonsuring के खिलाफ यादव महासभा ने जताया विरोध। विरोध के चलते 26 जून को लगभग 1:30 बजे, लोग आगरा–कानपुर हाईवे और बकवाड़ इलाके में जमा हो गए। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए भाला बंदूकें उठाईं और भीड़ को हटाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियो ने पत्थर बरसाए। एक पुलिस वाहन का कांच टूट गया और लगभग 19-20 लोग हिरासत में लिए गए, जबकि 13 वाहन जब्त किए गए।
इस विवाद में राजनीतिक आरोप भी लगते रहे। यूपी पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी व अखिलेश यादव पर “जातिवादी रंग देने” का आरोप लगाया, और हिंसा भड़काने का सिरा उन्हीं की ओर मोड़ा । पुलिस महानिरीक्षक ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है ।
इस पूरे घटनाक्रम में चार कथावाचकों—मुख्य रूप से मुकुट मणि यादव व संत सिंह यादव—के ट Tonsuring का वीडियो वायरल होने की वजह से कई FIR दर्ज की गई, जिसमें कथावाचकों के खिलाफ भी आपराधिक आरोप जोड़े गए। यह विवाद यूपी में जातिगत तनाव और कानून व्यवस्था के सख्त प्रश्न उठाता है, जहाँ सांप्रदायिक हिंसा की संभावनाओं के बीच प्रशासन और राजनीतिक दलों की भूमिका भी विवादास्पद बनकर उभर रही है।