अमेरिका में भारतीय छात्रों के वीज़ा रद्दीकरण पर बढ़ते विवाद के बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह कदम भारतीय छात्रों को लक्षित करने के उद्देश्य से नहीं है। हाल ही में एक अध्ययन में सामने आया था कि 327 रिपोर्ट किए गए मामलों में से 50% भारतीय छात्रों के थे, जिससे चिंता बढ़ी थी।
अमेरिकी विदेश विभाग और इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) ने कहा है कि ये कार्रवाइयाँ छात्रों की व्यक्तिगत गतिविधियों, जैसे कि ट्रैफिक उल्लंघन या पुलिस से मामूली संपर्क, के आधार पर की गई हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि इन मामलों में से अधिकांश में छात्रों के खिलाफ कोई गंभीर आरोप नहीं थे।
हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास प्रभावित छात्रों के संपर्क में हैं और उन्हें सहायता प्रदान कर रहे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस विषय पर चिंता जताई है और पूछा है कि क्या विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस मुद्दे को अमेरिकी अधिकारियों के साथ उठाएंगे।
इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच संवाद और पारदर्शिता की आवश्यकता है ताकि छात्रों के अधिकारों की रक्षा की जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।