उत्तर प्रदेश सरकार ने नकली दवाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्यभर में ₹30.77 करोड़ की नकली दवाएं जब्त की हैं और 68 लोगों को गिरफ्तार किया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (FSDA) ने पिछले एक साल में 1,039 छापेमारी कीं, जिनमें 13,848 नमूने एकत्र किए गए।
इनमें से 96 नमूने नकली और 497 उप-मानक पाए गए। इस कार्रवाई में 1,166 दवा कारोबारियों के लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं। मुख्य छापेमारी लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद और बरेली में की गई, जहां ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, मादक पदार्थ और नकली कॉस्मेटिक उत्पाद भी जब्त किए गए।
लखनऊ में एसटीएफ की मदद से कई महत्वपूर्ण छापेमारी की गईं। आगरा में नवंबर 2024 में ₹1.36 करोड़ की नकली दवाएं और गाजियाबाद में फरवरी 2025 में ₹90 लाख की मादक औषधियां जब्त की गईं।
बरेली में अप्रैल 2025 में ₹50 लाख के नकली कॉस्मेटिक उत्पाद भी जब्त किए गए। इसके अलावा, आयुर्वेदिक दवाओं के नाम पर एलोपैथिक दवाओं के मिश्रण के 14 संदिग्ध नमूनों की जांच जारी है। यह कार्रवाई प्रदेश में नकली दवाओं के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जो जनस्वास्थ्य की रक्षा और अवैध दवा व्यापार पर प्रभावी अंकुश लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।