उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ती सामग्री लागत के मद्देनजर, एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) के तहत निरंतर पोषण आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ₹51.89 करोड़ का अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया है। यह कदम चना दाल, मसूर दाल और खाद्य तेल जैसी सामग्री की बढ़ती कीमतों के कारण उत्पन्न लागत अंतर को पाटने के लिए उठाया गया है, जो केंद्रीय लागत मानकों से अधिक हो गई हैं।
इस अतिरिक्त बजट के तहत अक्टूबर-दिसंबर 2024 के लिए ₹25.92 करोड़ और जनवरी-मार्च 2025 के लिए ₹25.97 करोड़ आवंटित किए गए हैं। यह राशि आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषक तत्वों जैसे आटा, दाल और खाद्य तेल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
लाभार्थियों में 6 महीने से 6 वर्ष तक के बच्चे, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं, और किशोरियां (14–18 वर्ष) शामिल हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां कुपोषण की समस्या अधिक है। राज्य सरकार ने NAFED के माध्यम से आपूर्ति की व्यवस्था की है और यदि सामग्री की कीमतें या आपूर्ति मानकों से भिन्न होती हैं, तो मुख्यमंत्री वैकल्पिक उपायों की पहचान करेंगे।
साथ ही, महिला सशक्तिकरण मिशन के तहत महिला-नेतृत्व वाले ‘टेक-होम राशन’ इकाइयों के माध्यम से स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। 2026–27 तक 347 इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।