भारत में जन्म लेने वाले कम वजन वाले नवजात शिशुओं की समस्या चिंताजनक होती जा रही है। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि पूरे देश में दर्ज किए गए कुल कम वजन वाले नवजात शिशुओं में से लगभग 50% मामले सिर्फ चार राज्यों — उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश से सामने आए हैं।
कम वजन का अर्थ होता है 2.5 किलोग्राम से कम वजन के साथ जन्म लेना, जो नवजात की सेहत और जीवन के पहले कुछ वर्षों में गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा होता है। अध्ययन के अनुसार, इन राज्यों में कुपोषण, मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, प्रसव पूर्व देखभाल की स्थिति और सामाजिक-आर्थिक कारकों की वजह से यह समस्या ज्यादा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इन राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं और पोषण कार्यक्रमों को सुदृढ़ किया जाए, तो राष्ट्रीय स्तर पर नवजात मृत्यु दर और कुपोषण की दर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। सरकार के लिए यह संकेत है कि लक्ष्य आधारित सुधार इन राज्यों से शुरू करना होगा।