उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हाल ही में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला “परिवार नियोजन के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण: विभागीय समन्वय की दिशा में” में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का माध्यम नहीं, बल्कि एक समग्र विकास का आधार है। उन्होंने श्रावस्ती जिले के एकीकृत विकास मॉडल का उदाहरण देते हुए शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
महिला कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव लीना जोहरी ने कहा, “यह ‘आप’ और ‘मैं’ नहीं, बल्कि ‘हम’ की बात है।” उन्होंने विभागों के बीच सहयोग को महिलाओं और बच्चों के विकास से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कार्यशाला का आयोजन ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड द्वारा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। इसमें डॉ. सुषमा सिंह (महानिदेशक, परिवार कल्याण), प्रो. सुजाता देव (KGMU) और डॉ. अमित कुमार यादव (गेट्स फाउंडेशन) सहित कई विशेषज्ञों ने भाग लिया।
कार्यशाला में उच्च प्रजनन दर वाले जिलों में परिवार नियोजन सेवाओं की पहुंच, गुणवत्ता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए बहु-क्षेत्रीय समन्वय की रणनीतियों पर चर्चा की गई। श्रावस्ती जिले के समुदाय-आधारित स्वास्थ्य सेवा मॉडल को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया।
इस पहल का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तिकरण को एकीकृत दृष्टिकोण से बढ़ावा देना है, जिससे राज्य में समग्र और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके।