उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें नेपाल, भूटान और तिब्बत के नागरिकों को राज्य में विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता से छूट दी गई है। इस कदम का उद्देश्य इन देशों के नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना है, जो पहले आधार कार्ड के बिना संभव नहीं था। अब ये नागरिक वैध पहचान पत्र जैसे नागरिकता प्रमाणपत्र, पासपोर्ट या संबंधित मिशन से जारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करके विवाह पंजीकरण करवा सकते हैं।
राज्य सरकार के अनुसार, यह निर्णय राज्य में नेपाल, भूटान और तिब्बत के नागरिकों के बीच बढ़ती अंतरजातीय शादियों को देखते हुए लिया गया है। इससे पहले, इन नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण में आधार कार्ड की अनिवार्यता एक बड़ी बाधा बन गई थी। अब वे संबंधित मिशन से जारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करके विवाह पंजीकरण करवा सकते हैं।
यह निर्णय उत्तराखंड में सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे इन देशों के नागरिकों को भी समान अधिकार मिलेंगे।