उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में आयोजित किया गया, जिससे एक साल बाद इस स्थान पर फिर से हलचल शुरू हुई। सीएम पुष्कर सिंह धामी और अन्य मंत्री भारी बारिश और पहाड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए गैरसैंण पहुंचे, सरकार के इस अडिग फैसले ने विकास की नई उम्मीदें जगा दीं।
इन प्रयासों के साथ ही राज्य ने डिजिटल और भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने का रुख अपनाया है। हाल ही में मुख्यमंत्री धामी ने ‘Hill to Hi-Tech’ अभियान के तहत कई ICT-सक्षम सेवाएं लॉन्च की हैं, जिससे तकनीकी उन्नति और दूरदराज के क्षेत्रों में सरकारी पहुँच दोनों बढ़ेंगी।
साथ ही, योग एवं वेलनेस क्षेत्र में उत्तराखंड को वैश्विक पहचान देने की दिशा में मुख्यमंत्री ने पहली योग नीति की शुरुआत की, और गढ़वाल–कुमाऊं में स्पिरिचुअल आर्थिक ज़ोन के निर्माण की घोषणा की। ये पहल पलायन को रोकने और स्थानीय रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
इस प्रकार, गैरसैंण में सत्र आयोजित करने का निर्णय मात्र एक रस्म नहीं—बल्कि विकास और तकनीकी सम्मिलन की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है, जो राज्य की राजधानी की पहचान को मजबूत कर रहा है।