उत्तराखंड में आयुष्मान योजना ने सात वर्षों में 17 लाख से अधिक मरीजों को निशुल्क इलाज प्रदान किया है। इस पर राज्य सरकार ने 3300 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस योजना के तहत अब तक 61 लाख से अधिक लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। प्रदेश में 396 अस्पताल, जिनमें 201 सरकारी और 195 निजी अस्पताल शामिल हैं, इस योजना से जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य से बाहर 31,000 से अधिक अस्पताल भी इस योजना में शामिल हैं।
आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने 23 लाख परिवारों के लिए अटल आयुष्मान योजना और कर्मचारियों तथा पेंशनरों के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना शुरू की है। इन योजनाओं के माध्यम से राज्य के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रदेश में 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान वय वंदना योजना भी शुरू की गई है, जिसके तहत उन्हें 5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार प्रदान किया जाता है। अब तक इस योजना के तहत 20,000 से अधिक कार्ड जारी किए गए हैं। इसके अलावा, सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों के लिए भी आयुष्मान योजना के तहत कैशलेस उपचार की व्यवस्था की गई है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि आयुष्मान योजना को जन अपेक्षाओं पर खरा उतारने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। सेवाओं में कोई कोताही न हो, इसके लिए अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं और गलत दावे प्रस्तुत करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।