भूकंप ने बढ़ाया भूस्खलन का खतरा: IIT रुड़की विशेषज्ञों ने इस जिले को बताया सबसे संवेदनशील

उत्तराखंड में हालिया भूकंपों ने भूस्खलन के खतरे को और बढ़ा दिया है। IIT रुड़की के विशेषज्ञों ने अपनी शोध रिपोर्ट में बताया है कि भूकंप के कारण भूस्खलन की संभावना में वृद्धि हो सकती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो पहले से ही भूस्खलन के प्रति संवेदनशील हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप के झटके से पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित अस्थिर मिट्टी और चट्टानों में दरारें आ सकती हैं, जिससे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ सकती हैं। इससे न केवल पर्यावरणीय नुकसान होता है, बल्कि मानव जीवन और संपत्ति के लिए भी खतरा उत्पन्न होता है।

IIT रुड़की के शोधकर्ताओं ने भूकंप और भूस्खलन के आपसी संबंधों पर विस्तृत अध्ययन किया है। उनका कहना है कि भूकंप के बाद भूस्खलन की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत और पुनर्वास कार्यों की आवश्यकता है।

इस अध्ययन के आधार पर, राज्य सरकार और संबंधित विभागों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में चेतावनी प्रणालियों को सुदृढ़ करने और आपदा प्रबंधन योजनाओं को अपडेट करने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भविष्य में होने वाली आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी।

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