उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मानसून ने तबाही मचा दी है—कुल्लू, रुद्रप्रयाग, चम्बा, लाहौल-स्पीति और कुल्लू जैसे क्षेत्र बादल फटने, फ्लैश बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से जूझ रहे हैं। रुद्रप्रयाग और चमोली में क्लाउडबर्स्ट से मलबा बहकर कई परिवार फंसे और घायल हुए हैं, जबकि हिमाचल में भी कई स्थानों पर जान-माल की भारी क्षति हुई है।
राज्य सरकारों ने राहत और बचाव अभियानों में सेना, NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन को तैनात किया है। हिमाचल विधानसभा में भारी नुकसानों को राष्ट्रीय दु:खद घटना घोषित करने की मांग उठी है, और कुल ऋण, कृषि और बुनियादी ढांचे को ₹2,753 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है। हजारों श्रद्धालुओं को मनिमाहेश यात्रा से सुरक्षित निकाला गया है। एनडीआरएफ, SDRF, वायुसेना और सेना के जवान मुश्किल इलाकों में हीलिकॉप्टर, ड्रोन, रोधकों आदि उपकरणों की सहायता से बचाव-कार्रवाइयों में सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत को युद्धस्तर पर तेज करने के निर्देश दिए हैं, जबकि केंद्र सरकार भी समर्थन में जुटी है। प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान जारी है, और मौसम विभाग द्वारा भविष्य के जोखिम के मद्देनजर सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है।