उत्तराखंड सरकार जल्द ही आयुर्वेद डायटीशियन (आहार एवं पोषण विशेषज्ञ) कोर्स शुरू करने की तैयारी में है। भारतीय चिकित्सा परिषद (CCIM) ने शासन को इस कोर्स के लिए प्रस्ताव भेजा है, जिसे शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले मंजूरी मिलने की उम्मीद है । फिलहाल प्रदेश में इस तरह का कोर्स यूनिवर्सिटी स्तर पर उपलब्ध नहीं था, लेकिन अब योग और प्राकृतिक चिकित्सा के डिप्लोमा पाठ्यक्रम को दो वर्षों का करने की छूट मिली है, जिससे इसमें गुणवत्ता और गहराई आएगी ।
आयुष सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय के अनुसार, विदेशों में आयुर्वेद डायटीशियनों की मांग बढ़ रही है, इसलिए राज्य सरकार इस अवसर को भुनाने के लिए तैयार है । यदि शासन से मंजूरी मिलती है, तो यह प्रथम बार होगा जब देहरादून स्थित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय और संबद्ध संस्थानों में प्रशिक्षण कोर्स शुरू होंगे।
राज्य में आयुष शिक्षा को मजबूत करने की पहल के तहत यह कोर्स न केवल छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि स्वास्थ्य और वेलनेस पर्यटन क्षेत्र को भी मजबूती देगा। दो वर्षीय कोर्स होने से विद्यार्थी उपलब्ध पाठ्यक्रम के साथ-साथ व्यवहारिक प्रशिक्षण भी ग्रहण कर सकेंगे, जिससे उनकी विदेश में नियुक्ति की संभावना बढ़ेगी ।
संक्षेप में, आयुर्वेद डायटीशियन कोर्स उत्तराखंड में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य खासतौर पर आयुष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ सकता है, बशर्ते जल्द शासन की सहमति मिल जाए।