संसदीय ट्रांसपोर्ट कमेटी ने गुजरात में हुए एयर इंडिया बोइंग 787 विमान दुर्घटना की जांच को गति दी है। इस गंभीर मसले पर नागरिक उड्डयन सचिव और बोइंग के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया गया है, ताकि हादसे के कारणों और सुरक्षा में संभावित चूकों का जवाब लिया जा सके ।
12 जून को अहमदाबाद में उड़ान संख्या AI‑171 लंदन गेटविक के लिए टेकऑफ़ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हुई, जिसमें लगभग 262 लोगों की जान चली गई—बोइंग 787‑8 प्रकार के इस विमान की ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग का विश्लेषण शुरू हो चुका है । संसदीय समिति का उद्देश्य है कि विमानन सुरक्षा मानदंडों की समीक्षा की जाए और अगर कहीं कोई लापरवाही या नियामक चूक मिली तो उसका समाधान हो।
इसके साथ ही, ऑल एयर इंडिया 787 का व्यापक निरीक्षण भी चल रहा है—DGCA ने 33 विमानों में से 26 की जांच पूरी कर दी है, जबकि शेष की जांच जारी है । सरकार ने हाई-लेवल जांच समिति बनाए जाने की भी घोषणा की है, जिसमें गृह सचिव की अध्यक्षता में सिविल एविएशन सचिव, DGCA, BCAS, IAF और अन्य विशेषज्ञ सदस्य शामिल हैं, और तीन महीने के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है ।
उसी समय ICAO ने भी एक अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक लगाए जाने का आग्रह किया था, लेकिन भारत ने फिलहाल इसे अस्वीकार किया है । इसके बावजूद ब्लैक बॉक्स भारत के नव स्थापित राष्ट्रीय लैब में सुरक्षित है और NTSB जैसे विशेषज्ञों के सहयोग से विश्लेषण हो रहा है ।
यह मामला न सिर्फ मौजूदा विमानन सुरक्षा मानकों की समीक्षा का संकेत है, बल्कि इसके भविष्य की योजनाओं पर भी गहरा असर डाल सकता है। संसद ने भी स्पष्ट संकेत दे दिया है कि इस त्रासदी में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।