उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हल्द्वानी शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में शनिवार सुबह से पुलिस ने व्यापक सत्यापन कार्य शुरू किया है, जिसमें लगभग 300 पुलिसकर्मी (एसपी शहर, सीओ, कोतवाल आदि सहित) तैनात हैं। अभियान सुबह 6 बजे से शुरू हुआ और शहर की प्रमुख नाकों पर वाहन व चालकों की पहचान-पत्रों और दस्तावेजों की जाँच की जा रही है।
पहचान एप का भी उपयोग किया गया है — पुलिस ने पहचान एप की सहायता से लगभग 300 मजदूरों और श्रमिकों का निजी व पहचान विवरण संयोजित किया एवं सत्यापित किया। मुख्य स्थानों में मंडी क्षेत्र, यातायात नगर और ठेले व्यवसायियों की भी पहचान की गई, ताकि कोई संदिग्ध स्थान या व्यक्ति छूट न जाए।
स्थानीय समुदाय के लोगों में इस अभियान को लेकर तरह‑तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इसे सुरक्षा हेतु आवश्यक कदम मान रहे हैं, जबकि कई मुस्लिम समुदाय के लोग इसे अतिक्रियात्मक एवं लक्षित कार्रवाई करार दे रहे हैं। हाल ही के घटनाक्रमों—जैसे फरवरी 2024 में हल्द्वानी में मदरसा और मस्जिद की अनुमति के बिना हुई ध्वस्तता, उसके बाद हुई हिंसा, कर्फ्यू और गिरफ्तारियों—इनकी पृष्ठभूमि बनाते हैं।
पुलिस का दावा है कि अभियान का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षित पहचान सुनिश्चित करना है और जमीनी स्तर पर कानून व्यवस्था बनाए रखना है। जबकि आलोचक इसे समुदाय विशेष के खिलाफ अतिरिक्त सतर्कता और संघीय कार्यवाही का संकेत मान रहे हैं। ये घटनाएं राज्य में राजनीतिक एवं सामाजिक संवेदनशीलता की याद दिलाती हैं।