नैनीताल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की तबीयत अचानक खराब हो गई, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया। कार्यक्रम खत्म होते ही उन्होंने अचानक बेचैनी की शिकायत की और भावुक हो उठे। मंच से उतरने के बाद वे वहां मौजूद पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र पाल को गले लगाकर फूट-फूटकर रोने लगे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उपराष्ट्रपति की आंखों में आंसू थे और वे बेहद भावुक हो गए थे। कार्यक्रम में उनके पुराने सहयोगियों और राजनीतिक जीवन की स्मृतियों का उल्लेख हुआ था, जिसने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया।
तबीयत बिगड़ने की खबर मिलते ही मेडिकल टीम तुरंत सक्रिय हुई और उन्हें आवश्यक प्राथमिक उपचार दिया गया। हालांकि, कुछ देर बाद उनकी स्थिति सामान्य हो गई और उन्होंने खुद सभी को आश्वस्त किया कि वे स्वस्थ हैं।
कार्यक्रम के आयोजकों और प्रशासन ने इस भावुक क्षण को अत्यंत संवेदनशील बताया और उपराष्ट्रपति की सुरक्षा व स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा।
यह घटना न केवल धनखड़ की मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग भी भावनाओं से अछूते नहीं होते।