लंदन में रह रहे भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में भारत वापसी को लेकर अपनी शर्तें स्पष्ट की हैं। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें भारत में न्यायपूर्ण सुनवाई और सम्मानजनक जीवन की गारंटी मिलती है, तो वे गंभीरता से लौटने पर विचार करेंगे। माल्या ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने जानबूझकर धोखाधड़ी नहीं की, बल्कि उनके व्यवसाय की विफलता आर्थिक संकट के कारण हुई।
माल्या ने अपने ऊपर लगे ‘चोर’ के आरोपों को नकारते हुए कहा, “मुझे भगोड़ा कह सकते हैं, लेकिन चोर कहने का आधार कहां है?” उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने 2012 से 2015 के बीच चार बार बैंकों से समझौते की पेशकश की थी, लेकिन बैंकों ने उसे स्वीकार नहीं किया। माल्या ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने उन्हें किंगफिशर एयरलाइंस के संकट के दौरान संचालन जारी रखने की सलाह दी थी।
माल्या की यह टिप्पणी उनके प्रत्यर्पण और भारत में उनके खिलाफ चल रहे मामलों के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।