असम के बक्सा जेल के बाहरी इलाके में बुधवार को भारी तनाव पैदा हो गया, जब गायक जुबिन गर्ग की मौत के आरोपी कैदियों को लाया जा रहा था। मृत गायक के प्रशंसक और स्थानीय लोग जेल के बाहर एकत्रित हुए और आरोपियों को “सार्वजनिक रूप से सौंपने” की मांग पर उतर आए। उन्होंने पुलिस वाहनों पर पत्थर फेंके, सैंडल बरसाए और कई गाड़ियों को भी आग लगाने का प्रयास किया।
प्रदर्शन शांत कराने के लिए सुरक्षाबलों ने लाठी चार्ज किया, आंसू गैस छोड़ी और हवा में फायरिंग भी की। स्थिति नियंत्रण में लाई गई है, लेकिन लोगों की नाराजगी अब भी बरकरार है। कई पुलिसकर्मी और पत्रकार पत्थरबारी में घायल हो गए।
अभियुक्तों में शामिल हैं — आयोजक श्यामकनु महंता, मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, DSP सन्दीपन गर्ग और अन्य दो PSO — जिन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बक्सा जेल लाया गया।
जुबिन गर्ग 19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान मौत की ओर बढ़े। उनकी मौत ने असम और पूरे उत्तर-पूर्व में भारी आक्रोश और न्याय की मांग को जन्म दिया।
अहम बात यह है कि इस घटना ने यह दर्शाया कि जनता में गहरा गुस्सा और न्याय की उल्टी चाहत है — अधिकारियों के लिए यह चुनौती बन गई है कि वे पारदर्शी, संवेदनशील और न्यायोचित तरीके से मामले की जांच पूरी करें।