पश्चिम बंगाल स्कूल जॉब्स घोटाले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जमानत दी, लेकिन जेल से तुरंत रिहाई की संभावना कम

पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को जमानत प्रदान की। यह जमानत प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में दी गई है। पार्थ चटर्जी जुलाई 2022 से जेल में बंद थे, जब उनके सहयोगी की संपत्ति से ₹21.9 करोड़ की नकदी बरामद हुई थी।

न्यायमूर्ति सुभ्रा घोष की एकल पीठ ने पार्थ चटर्जी को जमानत देते हुए उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करने और ट्रायल कोर्ट की सीमा से बाहर न जाने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्हें इस दौरान कोई भी सार्वजनिक पद ग्रहण करने से भी रोक दिया गया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, जमानत की प्रक्रिया पूरी होने से पहले सात गवाहों के बयान दर्ज किए जाने आवश्यक हैं।

इस मामले में पार्थ चटर्जी और पूर्व शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को मुख्य आरोपी माना गया है। पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका में उनके वरिष्ठ आयु और स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया था। इससे पहले, इस मामले में 12 आरोपियों में से 11 को जमानत मिल चुकी थी।

हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद पार्थ चटर्जी की जेल से तत्काल रिहाई की संभावना कम है, क्योंकि ट्रायल कोर्ट में गवाहों के बयान दर्ज होने तक उन्हें रिहाई नहीं मिल सकती।

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