विक्रम मिस्री और उनकी बेटी को संघर्ष विराम के बाद क्यों बने निशाना? जानें पूरी घटना

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री एक वरिष्ठ भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं, जिन्होंने अमेरिका, चीन और पाकिस्तान में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने 10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते की घोषणा की, जिससे दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव में कमी आई।

हालांकि, इस समझौते के बाद विक्रम मिस्री और उनके परिवार को ऑनलाइन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उनकी बेटी, डिडोन मिस्री, जो लंदन स्थित एक अंतरराष्ट्रीय लॉ फर्म में कार्यरत हैं, को भी निशाना बनाया गया। उन्हें सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियों, व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग और धमकियों का सामना करना पड़ा, विशेषकर उनके रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए कानूनी सहायता प्रदान करने के कारण।

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस ऑनलाइन उत्पीड़न की कड़ी निंदा की, इसे गोपनीयता का उल्लंघन और सुरक्षा के लिए खतरा बताया।

इस घटना ने डिजिटल उत्पीड़न और सार्वजनिक अधिकारियों के परिवारों की सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। कई वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं ने विक्रम मिस्री और उनके परिवार के प्रति समर्थन व्यक्त किया है, और ऐसे हमलों की निंदा की है।

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