लोकसभा ने 11 अगस्त 2025 को संशोधित इनकम टैक्स (संख्या 2) बिल, 2025 पारित कर दिया, जो 1961 में बने पुराने आयकर कानून की जगह लेगा । इस बिल में चयन समिति के 285 सुझाव शामिल किए गए हैं, जिसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और डिजिटल-मित्र बनाना है ।
अब ₹12 लाख तक की आय पर कर की शून्य दर लागू होगी, जिससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी । साथ ही धाराओं की संख्या घटाकर 536 सेक्शन (23 चैप्टर, 16 शेड्यूल) रखे गए हैं, जिससे कानून की जटिलता कम होगी । कर प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए face-less डिजिटल असेसमेंट की व्यवस्था की गई है ।
पेंशनर्स के लिए भी राहत है – अब कम्यूटेड (मALG भुगतान) पेंशन पर पूर्ण कर कटौती मिलेगी, अगर वह मान्यता प्राप्त पेंशन फंड से हो । रिफंड और TDS की सुविधाएँ में भी सुधार किए गए हैं; देर से दाखिल आईटीआर पर रिफंड का दावा अब संभव है और Nil-TDS सर्टिफिकेट की भी सुविधा दी गई है ।
रियल एस्टेट से आय पर 30% तक स्टैंडर्ड कटौती अब नगरपालिका कर घटने के बाद ही लागू होगी, और किराए पर न दी गई संपत्ति (नॉटशनल रेंट) के लिए टैक्स अब नहीं लगेगा।
यह नया विधेयक 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा, जिससे पूरे देश में कर प्रणाली में बदलाव लागू हो जाएगा ।