छत्तीसगढ़: लेखिका ने शहीदों पर लिखी पोस्ट- वेतनभोगी पेशेवरों को शहीद नहीं कहा जा सकता, राष्ट्रद्रोह के आरोप में महिला लेखक गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले में 22 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद सोशल मीडिया पर कथित पोस्ट लिखने के आरोप में गुवाहाटी पुलिस ने असम की एक जानी मानी लेखिका को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. उनके खिलाफ कई अन्य आरोप भी लगाए गए हैं.

आरोपी लेखिका की पहचान शिखा सरमा के रूप में हुई है. उसे पुलिस ने मंगलवार को आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) सहित विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया.

48 वर्षीय लेखिका को पुलिस ने उमी डेका बरुआ और कंगना गोस्वामी द्वारा दर्ज कराई गई एक प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया है. इससे पहले पुलिस ने शिखा को बुलाया और गहन पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.

गुवाहटी के दिसपुर पुलिस स्टेशन में इस संबंध में मुकदमा अपराध संख्या 1281/2021 दर्ज किया गया है. जिसमें आईपीसी की धाराएं 294 (क), 124 (ए), 500, 506 और आईटी अधिनियम की आर/डब्ल्यू धारा 45 भी शामिल की गई है.

खबरों के मुताबिक, सोमवार शिखा सरमा ने कथित तौर पर अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा था कि “ड्यूटी के दौरान मरने वाले वेतनभोगी पेशेवरों को शहीद नहीं कहा जा सकता है. इस तर्क के आधार पर बिजली विभाग के वो कर्मचारी जो इलेक्ट्रोक्यूशन से मरते हैं, उन्हें भी शहीद होना चाहिए. मीडिया, लोगों को भावुक न करे.”

गुवाहाटी शहर के पुलिस आयुक्त मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि दिसपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने शिखा सरमा को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने उसे देशद्रोह के आरोप सहित विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था. जिसे बुधवार को अदालत में पेश किया गया.

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