उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन बढ़ाकर ₹252 प्रतिदिन (₹6,552 मासिक) कर दिया है, जिससे हजारों ग्रामीण मजदूरों को आर्थिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन स्तर मिलेगी। यह घोषणा 25 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लैबर और रोजगार विभाग द्वारा की गई ।
यह नई दर केवल पारंपरिक खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पशुपालन, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालना, मशरूम उगाना और फसल परिवहन जैसे कार्य भी शामिल हैं । सरकार ने वेतन भुगतान के लिए नकद, आंशिक नकद, वस्तु (जैसे फसल), या डिजिटल माध्यम अपनाने की सुविधा दी है, बशर्ते कुल वेतन नए न्यूनतम स्तर से कम न हो ।
अस्थायी या दैनिक मजदूरों के लिए यह भी सुनिश्चित किया गया है कि उनकी प्रति‑घंटा मजदूरी प्रतिदिन के हिस्से के अनुसार कम से कम एक‑छठाई हो । साथ ही, जो लाभार्थी पहले से ₹252 से अधिक पर काम कर रहे हैं, उन्हें ज्यादा वेतन निरंतर जारी रखा जाएगा और वही उनकी नई न्यूनतम दर मान्य होगी ।
लैबर विभाग के प्रमुख सचिव एम.के. शनामुगा सुंदरम ने कहा कि यह फैसला ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के अनुरूप राज्यों के श्रमिकों के जीवन स्तर को उठाने के उद्देश्य से लिया गया है । इससे यूपी सिर्फ कृषि उत्पादन में अग्रणी ही नहीं, बल्कि कृषि श्रमिकों के कल्याण में अग्रणी राज्य भी बनता जा रहा है।