उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार ने आज एक उच्च‑स्तरीय समीक्षा बैठक की है, जिसमें सुरक्षा, ट्रैफिक एवं सुविधाओं से जुड़ी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। मीटिंग मेरठ में हुई, जिसमें यूपी, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के अधिकारी शामिल हुए। कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होकर 23 जुलाई तक चलेगी, जिसमें चार करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल होने की उम्मीद है ।
बैठक में पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कड़े निर्देश दिए: यात्रा मार्ग पर ड्रोन और सीसीटीवी निगरानी, शराब और मांस की दुकानों को आवरण से ढंकना, DJ की आवाज़ अधिकतम 75 डेसिबल रखना, तथा कांवड़ की ऊँचाई 10 फीट और चौड़ाई 12 फीट से अधिक न होने देना शामिल है । यात्रा मार्ग पर हर 15 किलोमीटर पर IPS अधिकारियों की तैनाती होगी और प्रत्येक जिला मजिस्ट्रेट तथा SSP नियमित निरीक्षण करेंगे ।
डिप्टी पुलिस कमिश्नर मुज़फ़्फरनगर ने ट्रैफिक डायवर्जन योजना की घोषणा की है: 11 जुलाई से दिल्ली–देहरादून नेशनल हाईवे और गंगा कैनाल रोड पर भारी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे, और 18 जुलाई से सभी वाहनों का यातायात रोका जाएगा । इसके अलावा, 56 किमी लंबा दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे 19–23 जुलाई तक केवल तीर्थयात्रियों के लिए आरक्षित रहेगा, और भारी वाहनों पर 12 दिन का प्रतिबंध लागू होगा।
यात्रा मार्ग के साथ-साथ यात्रियों के लिए पानी, भोजन, शौचालय एवं स्वास्थ्य शिविरों की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं । इसके साथ ही, सड़क मरम्मत, बिजली संस्थानों के सुरक्षा इंतजाम, यातायात नियंत्रण और जनता के लिए स्मार्ट सूचना प्रणाली का प्रावधान भी किया गया है ।