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ग्रीष्मकाल के लिए खुले गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, पुष्प वर्षा के साथ हुआ तीर्थयात्रियों का स्वागत

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अक्षय तृतीय के अवसर पर आज शनिवार को गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं. गंगोत्री के कपाट 12:35 मिनट पर जबकि यमुनोत्री के कपाट 12:41 मिनट पर खुले. मां गंगा की भोगमूर्ति और छड़ी गंगोत्री धाम में विराजमान हुई.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मौके पर धाम पहुंचे और गंगा पूजन किया. पूजा-अर्चना के बाद विधिवत रूप से सीएम की मौजूद में गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए. इसके बाद यमुनोत्री धाम के कपाट खुले. पुष्प वर्षा के साथ सीएम धामी ने तीर्थयात्रियों का स्वागत किया गया.

गंगोत्री के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई थी. इसके तहत शुक्रवार को मुखबा से मां गंगा की डोली आर्मी बैंड की धुनों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी. मां गंगा की विदाई के दौरान मुखबा गांव के ग्रामीण भावुक हो गए.

शुक्रवार को चारधाम यात्रा औपचारिक रूप से शुरू हुई जबकि यात्रा का विधिवत आगाज शनिवार दोपहर को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ. इससे पूर्व शुक्रवार को मां गंगा की भोगमूर्ति को डोली में विराजमान किया गया और मुखबा गांव से डोली को जयकारों के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर आर्मी बैंड, ढोल दमाऊं और रणसिंगे के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया.

मुखबा गांव की महिलाओं ने फूल बरसाकर मां गंगा की डोली को विदा किया. इसके बाद तीर्थपुरोहित व श्रद्धालु मां गंगा की डोली के साथ मुखबा से जांगला तक पगडंडी से 7 किमी तक पैदल चलकर गंगोत्री हाईवे पहुंचे. उसके बाद सड़क मार्ग से पैदल भैरो घाटी पहुंचे.

यहां भैरो मंदिर में मां गंगा की डोली ने रात्रि विश्राम किया. आज शनिवार सुबह मां गंगा की डोली 8 बजे गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई और अक्षय तृतीया पर दोपहर 12:13 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए.

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने आज अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने सभी श्रद्धालुओं के सुगम, सुखद और मंगलमय चारधाम यात्रा की कामना की है.



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