Home ताजा हलचल ‘हेपेटाइटिस C’ वायरस की खोज के लिए 3 वैज्ञानिकों को मेडिसिन...

‘हेपेटाइटिस C’ वायरस की खोज के लिए 3 वैज्ञानिकों को मेडिसिन का नोबेल

0

स्टाकहोम|…. साल 2020 के लिए मेडिसिन में नोबेल प्राइज का ऐलान हो गया है. हेपेटाइटिस C वायरस की खोज के लिए अमेरिका के हार्वे जे ऑल्टर और चार्ल्स एम.राइस और ब्रिटिश वैज्ञानिक माइकल ह्यूटन को नोबेल से सम्मानित किया गया है.

इन तीनों वैज्ञानिकों की खोज से हेपेटाइटिस C वायरस की पहचान हो सकी, हेपेटाइटिस C के वायरस की खोज के बाद इसके ब्लड टेस्ट और जरूरी दवाइयों का निर्माणसंभव हुआ है.

‘हेपेटाइटिस C’ हेपेटाइटिस C वायरस (HCV) के कारण होने वाली लिवर की एक बीमारी है. यह वायरस एक्यूट और क्रोनिक दोनों तरह के हेपेटाइटिस का कारण बन सकता है, जिसमें हल्की बीमारी से लेकर कुछ हफ्तों तक गंभीर, जीवन भर चलने वाली बीमारी शामिल है.

हेपेटाइटिस C की वजह से दुनिया भर में लोगों को सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार होना पड़ता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि दुनिया भर में 7 करोड़ लोगों को क्रोनिक हेपेटाइटिस C वायरस का इन्फेक्शन है. हेपेटाइटिस C के कारण साल 2016 में करीब 3 लाख 99 हजार लोगों की जान चली गई. इनकी खोज से पहले, हेपेटाइटिस A और B वायरस की खोज महत्वपूर्ण थी, लेकिन रक्त-जनित हेपेटाइटिस के ज्यादातर मामले अस्पष्ट ही रहे.

1960 के दशक में बारूक ब्लमबर्ग ने यह निर्धारित किया कि ब्लड-बोर्न यानी रक्त-जनित हेपेटाइटिस का एक रूप एक वायरस के कारण था, जिसे हेपेटाइटिस B वायरस के नाम से जाना जाता है और इस खोज के बाद हेपेटाइटिस B के डायग्नोस्टिक टेस्ट और प्रभावी वैक्सीन बनी. ब्लमबर्ग को इस खोज के लिए 1976 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार दिया गया था.

हेपेटाइटिस C वायरस की खोज ने क्रोनिक हेपेटाइटिस के बाकी मामलों के कारण का पता लगाया.

हेपेटाइटिस C बीमारी अब ठीक हो सकती है, जिससे दुनिया की आबादी से हेपेटाइटिस C वायरस के उन्मूलन की उम्मीद बढ़ जाती है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version