भारत का खूबसूरत पहाड़ी शहर नैनीताल बुधवार को कानून-व्यवस्था संकट का केंद्र बन गया, जब चुनावी प्रक्रिया के दौरान पांच कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य को मौल रोड, एक मतदान स्थल के बाहर, हाईकोर्ट से लगभग एक किलोमीटर दूरी पर अपहरण कर लिया गया। यह घटना सार्वजनिक रूप से हुई, जिससे इलाके में तात्कालिक रूप से दहशत और आक्रोश फैल गया।
विरोध में, कांग्रेस के नेता और विपक्षी दल के मुखिया यशपाल आर्य ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसके कार्यकर्ताओं ने यह अपहरण योजना बद्ध तरीके से कराया ताकि वोटिंग प्रक्रिया प्रभावित की जा सके। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, नैनीताल उच्च न्यायालय ने कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया: सीनियर पुलिस और जिलाधिकारी को तुरंत अपहृत सदस्यों का पता लगाने, सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कराने, और सदस्यों को शाम 4:30 बजे तक अदालत में पेश करने का आदेश दिया।
न्यायालय ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए जिला और पुलिस प्रशासन को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया। साथ ही, आगे की सुनवाई में मामले की जायज़ा ली जाएगी और यदि आवश्यक हुआ, तो पुनः मतदान की सिफारिश की जा सकती है।