Home ताजा हलचल उत्तरांचल टुडे विशेष: योगी नाम पर सहमति बनने के बाद यूपी भाजपा...

उत्तरांचल टुडे विशेष: योगी नाम पर सहमति बनने के बाद यूपी भाजपा में क्या ‘अंतर्कलह’ खत्म होगी!

0

योगी सरकार में कई मुद्दों और परिवर्तन को लेकर इतनी जबरदस्त खींचतान थी कि दिल्ली भाजपा हाईकमान और संघ के नेताओं को इसे सुलझाने में सबसे ‘तगड़ी’ मेहनत करनी पड़ रही है. ‘यूपी भाजपा सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक हो जाए उसके लिए पार्टी के रणनीतिकारों को डेढ़ महीने तक लंबी-लंबी बैठकें, महामंथन और सीधे फीडबैक लेना पड़ा’.

सात महीने में होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल फेरबदल, पीएम मोदी के खास अरविंद कुमार शर्मा, यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को बदलने, योगी सरकार के कई मंत्रियों की नाराजगी, इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरे को लेकर यूपी की सत्ता में ज्यादा ‘खींचतान’ रही . इन्हीं सब को निपटाने (सुलझाने) में पार्टी के रणनीतिकारों को कई दिनों तक ‘पसीने’ बहाने पड़े.

दिल्ली से लखनऊ तक पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की दौड़ भी चलती रही . पिछले दिनों जब सीएम योगी दिल्ली से पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा से मुलाकात और 19 जून को जब पीएम मोदी के करीबी अरविंद कुमार शर्मा को यूपी भाजपा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने के बाद तब माना जा रहा था कि अब प्रदेश सरकार में ‘अंतर्कलह’ खत्म हो गई है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

इस बार ‘उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अगले वर्ष होने वाले यूपी चुनाव में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे, नहीं माना’. इसके एक दिन बाद ही यूपी के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की राह पर आ गए.

इसके बाद से ही योगी और केशव मौर्य के बीच मतभेद उभरने लगे .बीजेपी में सीएम फेस को लेकर नेताओं के अलग-अलग बयानों चुनाव से पहले यूपी में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह खुलकर सीएम योगी के कामकाज की तारीफ कर चुके हैं. उनका कहना है कि योगी के नेतृत्व में ही अगले चुनाव होंगे.

वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सीएम फेस को लेकर साफ कह चुके हैं कि यह तय करना केंद्रीय नेतृत्व का काम है. ‘पहले भी केशव प्रसाद मौर्य और योगी के बीच मनमुटाव की खबरें कई बार आ चुकी हैं. यह पूरा मामला दिल्ली दरबार में भी पहुंचा था. केशव मौर्य के बयान के बाद एक बार फिर दिल्ली से पार्टी के रणनीतिकारों को सोमवार को लखनऊ आना पड़ा’. यूपी सरकार में परिवर्तन को लेकर मंगलवार सुबह से लेकर रात तक अटकलों का दौर जारी रहा. देर रात हाईकमान ने योगी को ही ‘मिशन 22’ के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा माना.

भले ही योगी के नाम पर भाजपा हाईकमान ने फिलहाल सहमति बना दी है, लेकिन साफ तौर पर ये जरूर है कि चुनावी साल में बीजेपी के अंदर के अंतर्विरोध की स्थिति जरूर है. इस स्थिति को सुलझाने के लिए ही लखनऊ में बीते कई दिनों से बैठकों और चर्चाओं का दौर चल रहा है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version