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विशेष: योगी के ‘चक्रव्यूह’ में फंसे अखिलेश, नामांकन के दिन ही भाजपा ने सपा की पलट दी बाजी

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देश में प्राचीन कहावत है, दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक पीता है. यह कहावत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एकदम सटीक बैठती है. दो महीने पहले अप्रैल में हुए पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा समाजवादी पार्टी से ‘पिछड़’ गई थी.

‘पंचायत चुनाव के परिणामों के बाद योगी सरकार में आंतरिक कलह खुलकर सामने आई, यही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली दरबार में भी पंचायत चुनाव में हुई पार्टी की हार का जवाब देना पड़ा था’. आखिरकार एक बार फिर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हाईकमान ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 50 से 60 सीटें जीतने का ‘लक्ष्य’ दे दिया गया. अब बात को आगे बढ़ाते हैं. पंचायत चुनाव में मिली भाजपा की हार के बाद योगी इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव विपक्षी समाजवादी पार्टी को ‘सबक’ सिखाने के लिए तैयार बैठे थे.

इसके लिए पिछले दिनों भाजपा संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह के साथ मुख्यमंत्री योगी ने लंबी बैठक भी की थी. ‘वैसे जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव सत्ताधारी पार्टी के लिए हमेशा फायदे में रहे हैं, ‌इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि प्रदेश में जिसकी पार्टी की सरकार होती है माना जाता है प्रशासनिक अमला भी उसी के इशारे पर काम करता है’.

26 जून, शनिवार से शुरू हुए यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष के पहले दिन ही भाजपा ने समाजवादी पार्टी को अपने ‘चक्रव्यूह’ में पूरी तरह से फंसा लिया . प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले सूबे की सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने शानदार शुरुआत की है. बता दें कि शनिवार को 75 जिलों में हो रहे जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख थी, मगर ज्यादातर जगहों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में इसे लेकर जमकर ‘घमासान’ हुआ.

लेकिन ‘भाजपा ने ऐसा सियासी दांव चला कि नामांकन के दिन ही 75 में से 17 जिला पंचायत अध्यक्षों की जीत सुनिश्चित भी कर दी’. वहीं समाजवादी पार्टी ने एक सीट पर ही बाजी मारी. बता दें कि अप्रैल में आयोजित हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में सपा कई जगह बीजेपी के पाले में ‘सेंधमारी’ में कामयाब हुई थी. इस बार योगी सरकार के ‘गणित’ में सपा पहले दिन ही बुरी तरह उलझ कर रह गई. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने खास मंत्रियों की ड्यूटी भी अधिकांश जिलों में लगा रखी थी. इस सियासी उलटफेर के बाद योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर एक बार फिर से ‘मुस्कान’ लौट आई है.

बता दें कि शनिवार को हुए नामांकन में कुल 164 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया, जिसमें से 6 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र जांच के बाद रद कर दिए गए. 29 जून को नाम वापसी के बाद बची हुई सीटों पर 3 जुलाई को मतदान होगा.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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