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कांग्रेस पार्टी के भीतर बदलाव को लेकर फिर नहीं बन सकी एक राय

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सोनिया -राहुल गांधी

अहम बात यह रही कि कयासों के विपरीत इस बैठक के दौरान लोकसभा में कांग्रेस दल में बदलाव को लेकर कोई बात नहीं हुई. ‘पहले चर्चा थी कि राहुल गांधी को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया जाए जा सकता है, लेकिन इस पर भी पार्टी क भीतर एक राय नहीं बन सकी’ . ‘फिलहाल पश्चिम बंगाल से सांसद अधीर रंजन चौधरी ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता बने रहेंगे’.

हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस की पार्लियामेंट्री स्ट्रेटजी ग्रुप की वर्चुअल बैठक बिना किसी समाधान के खत्म हो गई. 19 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में कांग्रेस के नेता संसद में मोदी सरकार को घेरने के लिए आम मुद्दों, कोरोना टीका की धीमी रफ्तार, पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दाम बेरोजगारी, राफेल सौदे की जेपीसी जांच और कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन पर ही अपनी सहमति ही बना सके.

इसके अलावा राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अन्य दलों से बात करने की जिम्मेदारी दी गई . ‘आखिर में एकजुटता का संदेश लेकर कांग्रेस के रणनीतिकारों ने बैठक इति कर दी’, मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस के टॉप लीडर इस बार भी कोई ठोस रणनीति नहीं बना सके और माथापच्ची में उलझे रहे’ . बता दें कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता में बुलाई गई कांग्रेस पार्लियामेंट्री स्ट्रेटजी ग्रुप की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एके एंटनी, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में उपनेता विपक्ष आनंद शर्मा, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, केसी वेणुगोपाल, के सुरेश, जयराम रमेश, मनीष तिवारी और गौरव गोगोई मौजूद थे. दूसरी ओर भाजपा ने मानसून सत्र से पहले अपने आप को ‘चुस्त-दुरुस्त’ कर लिया है.

बीजेपी ने कैबिनेट विस्तार से लेकर राज्यसभा में अपना नेता तक चुन लिया . बता दें कि बुधवार को कांग्रेस की बैठक से पहले ही भाजपा ने राज्यसभा में पीयूष गोयल को अपना नेता घोषित कर दिया. दरअसल थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद से राज्यसभा में यह सीट खाली थी, जिस पर गोयल को लाया गया है.

यहां हम आपको बताते हैं कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के केंद्र सरकार से चाहे कैसे भी संबंध क्यों न हो लेकिन तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के संबंध अच्छे बताए जाते हैं. इसी को लेकर राज्यसभा में भाजपा के रणनीतिकारों ने टीएमसी नेताओं को बैलेंस बनाने के लिए पीयूष गोयल को सामने खड़ा कर दिया है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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