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Bihar Chunav Result: बिहार में NDA जीत के करीब, नीतीश के आवास पर जुटने लगे नेता

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पटना| बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना चल रही है. अब तक आए रुझानों में नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ रही एनडीए बहुमत के करीब दिख रही है. जबक‍ि महागठबंधन भी कड़ी टक्‍कर दे रहा है.

इस समय एनडीए को 123 सीटों पर बढ़त हासिल है, जिसमें से वह 102 पर जीत दर्ज कर चुका है. जबकि महागठबंधन 112 पर बढ़त (87 जीत) के साथ दम दिखा रहा है. वहीं, एनडीए की जीत की संभावना के बीच बिहार के भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव , डिप्‍टी सीएम सुशील कुमार मोदी समेत तमाम नेता मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर पहुंचने लगे हैं.

बिहार में बहुमत के करीब पहुंचते ही एनडीए में हलचल शुरू हो गई है. सुशील मोदी और भूपेंद्र यादव के बाद कैबिनेट मंत्री मंगल पांडे और आरसीपी सिंह भी नीतीश कुमार के आवास पहुंच गए हैं. साफ है कि जेडीयू और बीजेपी नेताओं के बीच बैठकों का दौर शुरू हो गया है.

राज्य विधानसभा चुनाव में चार करोड़ से अधिक लोगों ने मतदान किया था. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना सुबह से जारी है. आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने बताया कि रात तक ज्यादातर चुनाव नतीजों की घोषणा कर दी जाएगी और शेष परिणाम देर रात आएंगे.

आयोग के अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न सरकारी सेवाओं से जुड़े लोगों से 1.6 लाख मत पत्र इलेक्ट्रानिक रूप से स्थानांतरित किए गए थे. करीब 52,000 डाक पत्रों का इस्तेमाल 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और दिव्यांगजनों ने किया.

फिलहाल रुझान में राजग 123 सीटों पर बढ़त या जीत हासिल करती दिख रही है जो 243 सदस्यीय विधानसभा में सामान्य बहुमत से एक सीट अधिक है. वहीं, विपक्षी महागठबंधन 112 सीटों पर बढ़त या जीत हासिल करती दिख रही है. हालांकि कई सीटें ऐसी हैं जहां बढ़त का अंतर का 1000 मतों से कम है, ऐसे में परिणाम किसी के भी पक्ष में जा सकता है.

बहरहाल, कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के पालन के लिए आयोग ने 2015 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी थी. इससे पहले, 2015 चुनाव में करीब 65,000 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए थे, जिन्हें बढ़ाकर इस बार 1.06 लाख कर दिया गया था.

इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) भी अधिक इस्तेमाल करनी पड़ीं. इस बार हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1000 से 1500 तक तय की गई थी, ताकि सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ानी पड़ी.

 

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