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केंद्र में मंत्री न बनाए जाने पर भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बात

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पिछले सप्ताह हुए मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में कई भाजपा के चेहरों को जगह नहीं दी गई थी. सुशील कुमार मोदी, वरुण गांधी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ पंकजा मुंडे समेत आदि भाजपा के नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया.

जबकि पहले इनके नामों की चर्चा थी लेकिन ऐन मौके पर यह मोदी की टीम में स्थान नहीं पा सके. अब इन नेताओं के बयान आ रहे हैं. इन्हीं में से एक है पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे. मंत्री न बनाए जाने पर उनकी नाराजगी की खबर आई थी.

लेकिन आज पंकजा ने केंद्र में मंत्री ने बनाए जाने पर अपनी चुप्पी तोड़ी . बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने पार्टी आलाकमान से उनकी नाराजगी की तमाम अटकलों को खारिज कर दिया है.

उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा, अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके नेता हैं. मंत्री पद के लिए धर्मयुद्ध करना मुझे कतई पसंद नहीं है. पंकजा ने कहा कि मेरे पिता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे हमेशा समाज के गरीब तबके के लोगों को ऊंचा पद देने में यकीन रखते थे.

वह मुझे और मेरी बहन प्रीतम को और राजनीति में मंत्री पद हासिल करने के लिए नहीं लाए थे. जब उनकी मृत्यु हुई थी तब महाराष्ट्र बीजेपी ने मुझे मंत्री पद का प्रस्ताव दिया था लेकिन तब मैंने उसे नामंजूर कर दिया था.

प्रीतम और मुझे मंत्री पद की कोई लालसा नहीं है. पंकजा मुंडे ने कहा कि मैं अपना घर कभी नहीं छोडूंगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी मेरा घर है, मेरे पिता का घर था. मैं यह घर कभी किसी भी कारण से नहीं छोडूंगी. दरअसल प्रीतम मुंडे को केंद्रीय मंत्री मंडल में जगह न दिए जाने से नाराज चल रहे उनके समर्थकों ने पार्टी से इस्तीफा देना शुरू कर दिया था. तकरीबन 100 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा भी दिया था, जिन्हें पंकजा ने नामंजूर कर दिया है.

बता दें कि मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में पंकजा मुंडे की बहन प्रीतम मुंडे का नाम भी मंत्री बनने के लिए चर्चा में था लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. इसके अलावा उनके क्षेत्र से ऐसे व्यक्ति को मंत्री बनाया गया है जिसे उनका विरोधी माना जाता है.

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