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भारत की चीन को दो टूक-संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन बनाकर रखना जरूरी

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सांकेतिक फोटो

बीजिंग|…..सोमवार को भारत ने कहा कि चीन-भारत संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन बनाकर रखना जरूरी है. भारत ने इस बात को भी रेखांकित किया कि बीजिंग को परस्पर चिंताओं, संवेदनशीलताओं और प्राथमिकताओं का सम्मान करना होगा.

चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने दक्षिणी चीनी शहर ग्वांगझोऊ में भारत के महा वाणिज्य दूतावास में आयोजित एक समारोह में अनेक संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों के चीनी विद्वानों के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की.

वाणिज्य दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘राजदूत विक्रम मिस्री ने इस बात पर जोर दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन बनाकर रखना द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए जरूरी आधार है.’’

ट्वीट में कहा गया, ‘‘उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आपसी चिंताओं तथा संवेदनशीलताओं के लिए तथा एक दूसरे की प्राथमिकताओं के लिए सम्मान जरूरी है.’’

मिस्री ने आईसीडब्ल्यूए (भारतीय वैश्विक कार्य परिषद)-सीपीआईएफए (चाइनीज पीपुल्स इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन अफेयर्स) की सातवीं वार्ता में डिजिटल संवाद में 15 अप्रैल को यह बात कही.

इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए सीमा पर अमन-चैन बहाल करने की तथा आपसी सम्मान की जरूरत बताई. आईसीडब्ल्यूए के महानिदेशक टी सी ए राघवन, सीपीआईएफए के अध्यक्ष वांग चाओ और भारत में चीन के राजदूत सन वीडोंग ने भी चर्चा में भाग लिया.

भारत और चीनी सैनिकों के बीच पिछले साल एक मई से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध की स्थिति है. दोनों पक्षों के सैनिकों ने फरवरी में पैंगोंग झील में उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों तथा हथियारों की वापसी पूरी की. लेकिन पूर्वी लद्दाख में अन्य अनेक क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी अभी तक पूरी नहीं हुई है.

दोनों देशों की सेनाओं के शीर्ष कमांडरों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा तथा डेपसांग इलाकों से सैनिकों की वापसी के लिए नौ अप्रैल को 11वें दौर की वार्ता की थी.

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