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हाईकोर्ट के सीबीआई जांच पर त्रिवेंद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से रोक लगा कांग्रेस को दिया करारा जवाब

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सीएम त्रिवेंद्र रावत

कहने को तो उत्तराखंड शांत और खूबसूरत छोटा, हरा भरा प्रदेश है. विधानसभा सीटों की बात करें तो इस राज्य में केवल 70 सीटें और 5 लोकसभा सीटें हैं.

लेकिन पिछले कुछ समय से देवभूमि की राजनीति में खूब उठापटक हो रही है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लगभग सवा साल बाद यानी वर्ष 2022 में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं.

उत्तराखंड की सियासत में आए दिन रोज नए दांवपेच देखने को मिल रहे हैं. अब नया मामला नैनीताल हाईकोर्ट से जुड़ा है. एक पुराने मामले में हाईकोर्ट ने बुधवार को सीएम रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए.

कोर्ट के इस आदेश के बाद ही राज्य की सियासत फिर गर्मा गई. कांग्रेस जैसे इस मुद्दे की तलाश में बैठी थी. कांग्रेसियों ने सीएम रावत को सीबीआई जांच पर घेरने का कार्यक्रम भी बना लिया था.

लेकिन गुरुवार दोपहर बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीएम रावत को बड़ी राहत देते हुए फिलहाल नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सीएम रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे.

गौरतलब है कि रावत ने भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाए जाने के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है और कांग्रेस के साथ ही वकील कपिल सिब्बल को कठघरे में खड़ा किया है.

उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. चौहान ने कहा कि साजिश के तहत कांग्रेस ने सीएम रावत की छवि खराब करने का प्रयास किया है.

गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के मामले को लेकर है यह मामला

पूरा मामला इस प्रकार है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में सीएम रावत के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

गौ सेवाआयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप से जुड़ा हुआ है. पत्रकार ने आरोप लगाया था कि 2016 में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी के झारखंड प्रभारी थे तब उन्होंनेे एक व्यक्ति को गौ सेवा अयोग का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर घूस ली थी और पैसे अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कराए थे.

पत्रकार के इस आरोपों को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खारिज कर दिया है और उसे गलत बताया था. नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और किसी भी तरह के संदेह दूर करने के लिए सीबीआई जांच जरूरी है.

कांग्रेस ने बुधवार को इस फैसले के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस्तीफे की मांग की थी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि एक ऐसा मुख्यमंत्री जो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का बखान करने से नहीं थकता, उसे हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई जांच का आदेश आने के बाद अब पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

दूसरी ओर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, यह एक कानूनी मामला है, जो सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया द्वारा ही सुलझाया जा सकता है. उसके बाद सब कुछ साफ और स्पष्ट हो जाएगा.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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