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व्यर्थ का विवाद: वैक्सीन किसी राजनीतिक पार्टी की ‘जागीर’ नहीं फिर क्यों भाजपा-कांग्रेस के नेता भिड़ रहे!

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भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और राहुल गांधी

वैक्सीन लगवा ली है तो क्यों लगवाई, अगर लगवा ली है तो अब क्यों लगवाई. अगर पहली डोज ले ली है तो दूसरी क्यों नहीं ली. यह केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं के सवाल हैं. वहीं दूसरी ओर विपक्ष कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत कई अन्य दलों ने वैक्सीन पर ही ‘सवाल’ उठा दिए थे. वैक्सीन को लेकर भाजपा और विपक्ष के बीच सवाल-जवाब आज भी जारी हैै.

दुनिया के शायद ही किसी देश में ऐसा हो रहा होगा, जो भारत में हो रहा है. यहां वैक्सीन के नाम पर ‘राजनीति’ खत्म होनेे का नाम नहीं ले रही है. वैक्सीन लगवाने को लेकर भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सबसे ज्यादा ‘सियासी झगड़ा’ देखा गया है.

चाहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी के वैक्सीन लगवाने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा आए दिन हमला बोलते रहते हैं. ‌पिछले दिनों जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने वैक्सीन की पहली डोज ली थी तब भाजपा नेताओं ने उनके पुत्र अखिलेश यादव पर निशाना साधा.

उल्लेखनीय है कि सपा केेे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वैक्सीन कि देश में लॉन्च होने के दौरान इसे भाजपा की बताते हुए ‘बहिष्कार’ करने का एलान किया था. अब एक बार फिर सोनिया और राहुल गांधी के वैक्सीन लगवाने को लेकर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने फिर ‘तंज’ कसा. यहां हम आपको बता दें कि कांग्रेस के एक नेता द्वारा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन पर सवाल खड़े किए गए थे, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर हमला बोला.

‘कोरोना वैक्सीन में बछड़े के खून के विवाद पर बीजेपी भड़क गई’. ‘बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कोवैक्सीन पर भ्रम फैलाकर कांग्रेस ने बड़ा पाप किया है, मैं कांग्रेस नेताओं खासकर सोनिया, प्रियंका और राहुल से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने अपनी वैक्सीन ली है या नहीं.

संबित पात्रा ने कहा कि ‘सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी ने पहली डोज ली, लेकिन अब वह दूसरी डोज क्यों नहीं ले रहे हैं’. पात्रा ने कहा कि कांग्रेस आईटी सेल टीम के सदस्य ने अपने ट्वीटर हैंडल पर गोहत्या और बछड़े के खून शब्द का इस्तेमाल किया, स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि कोवैक्सिन में बछड़े के खून का सीरम नहीं है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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