विशेष: पंजाब के निकाय चुनाव में कांग्रेस को सुखद एहसास तो भाजपा को कृषि कानून का ‘ग्रहण’

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आज बुधवार सुबह से ही राजनीतिक गलियारों में पंजाब निकाय चुनाव के आए परिणाम सुर्खियों में बने हुए हैं. इन निकाय चुनाव में सबसे अधिक फायदा कांग्रेस पार्टी को हुआ है. वहीं भाजपा किसानों के आक्रोश का शिकार हुई तो शिरोमणि अकाली दल भी अब तक का सबसे खराब चुनाव साबित हुआ.

कांग्रेस के लिए ये स्थानीय चुनाव ‘सुखद एहसास (फील गुड फैक्टर) लेकर आए हैं. पंजाब निकाय चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए निश्चित रूप से जोश भर गए हैं. आपको बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की नेतृत्व में पार्टी ने चार साल पहले राज्य में सरकार बनाई थी.

ऐसे में जब चुनाव में सिर्फ एक साल बचा है उससे पहले पार्टी के लिए निकाय चुनाव में मिली भारी जीत उत्साह बढ़ाने वाली है. कांग्रेस केंद्रीय आलाकमान को एक बार फिर कृषि कानून पर मोदी सरकार को घेरने का और मौका मिल गया है.

दूसरी ओर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व पंजाब निकाय चुनाव में मिली बुरी तरह हार पर जरूर मंथन करेगा, क्योंकि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने को तैयार हैं. पंजाब में ऐसे समय निकाय चुनाव हुए हैं जब करीब पिछले छह महीने से तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. किसान तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

अब कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल चाहेंगे कि यह किसानों का आंदोलन कुछ समय और चलता रहे. राज्य के निकाय चुनाव में जीत से कांग्रेस उत्साहित है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि ‘पंजाब में पंजा’ सुरजेवाला ने कहा कि पंजाब के खेतों में उगी आक्रोश की फसल ने मोदी और बीजेपी द्वारा निर्ममता, निर्दयता, कटुवाक्यों और भ्रम की गगनचुंबी चोटी पर बैठे होने के मतिभ्रम को करारा जवाब दिया है.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यह निकाय चुनाव के परिणाम भाजपा के लिए श्राप बन गए हैं. दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब के लोगों ने बीजेपी, अकाली दल और आम आदमी पार्टी के मुंह पर करारा तमाचा लगाया है जो अन्नदाता के सम्मान से खेल रहे थे.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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