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5000 करोड़ रूपये के परिव्यय के साथ डेयरी क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए डेयरी सहकार का शुभारंभ

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकारिता से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने के उद्देश्य से, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह तथा केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने संयुक्त रूप से देश में सहकारी डेयरी व्यवसायों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देते हुए 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना वाली योजना ‘डेयरी सहकार’ प्रारंभ की है.

यह पहली बार है, कि भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग की साझेदारी में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा डेयरी व्यवसाय के सभी पहलुओं से संबंधित सहकारी समितियों के लिए विशेष रूप से एक व्यापक योजना तैयार की गई है.

योजना प्रारंभ करने से पहले, गुजरात के आणंद में दूध डेयरी सहकारी कंपनी अमूल के 75 वें स्थापना वर्ष का उत्सव मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने कहा कि डेयरी क्षेत्र और सहकारी समितियों की भारत को न केवल 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था में बदलने में बल्कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने में भी प्रमुख भूमिका है.

शाह ने कहा, “हमें कृषि और पशुपालन जैसे क्षेत्रों को सशक्त बनाने के लिए इस सहकारी मॉडल को लागू करने की आवश्यकता है तथा एनसीडीसी द्वारा 5000 करोड़ रुपये का डेयरी सहकार उसी दिशा में एक कदम है.” उन्होंने कहा कि अमूल की स्थापना 1946 में आणंद में एक सहकारी आंदोलन के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल और सहकारिता नेता त्रिभुवनदास पटेल के मार्गदर्शन में प्रारंभ हुई थी. शाह ने कहा कि अमूल दुनिया के लिए एक मॉडल है.

रूपाला ने भी इसी तरह के विचारों को व्यक्त किया और सराहना की कि कैसे अमूल ने राज्य की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को को बढ़ावा देने में मदद की. उन्होंने कहा कि “डेयरी भारत में सबसे बड़े कृषि-व्यवसायों में से एक है और भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैl” उन्होंने डेयरी सहकार योजना तैयार करने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के तहत सहकारी समितियों के लिए एक विशाल वित्तपोषण संगठन एनसीडीसी की सराहना की.

रूपाला ने गुजराती में अपने भाषण में कहा, “यह डेयरी सहकार देश में डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने के मौजूदा प्रयासों का पूरक होगा. यह एनसीडीसी की ओर से केंद्र सरकार की विभिन्न उपलब्ध योजनाओं का लाभ उठाने वाला पहला और एकमात्र डेयरी केंद्रित व्यापक ढांचा है.”

“डेयरी सहकार के अंतर्गत, एनसीडीसी ने 5,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं, पशुपालन एवं डेयरी जैसे केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों के अभिसरण से इसे और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा . यह योजना सहकारिताओं द्वारा विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण क्रेडिट लिंकेज प्रदान करेगी,” एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक श्री संदीप कुमार नायक ने इस कार्यक्रम में योजना की मुख्य विशेषताओं को वहाँ की क्षेत्रीय भाषा गुजराती में बड़ीं सहजता से बताया .

उन्होंने बताया कि लाभार्थियों को लाभान्वित करने हेतु विभिन्न केंद्रीय योजनाओं को राज्य सरकारों, संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन विकास एजेंसियों एवं अन्य के साथ समायोजित किया जाएगा . ऋण की अवधि 5-10 वर्षों के लिए होगी, जिसमें परियोजना के प्रकार और राजस्व धाराओं के आधार पर मूलधन के पुनर्भुगतान पर 1-2 वर्ष की स्थगन अवधि शामिल है . नायक ने यह भी कहा कि यह योजना शुरू में वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए लागू की जाएगी .

उन्होंने कहा कि पात्र सहकारिताओं द्वारा परियोजनाओं को वित्तीय सहायता की कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं है .

इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, बीएल वर्मा, सहकारिता राज्य मंत्री, भारत सरकार तथा देवुसिंह चौहान, संचार राज्य मंत्री, भारत सरकार, एवं अतुल चतुर्वेदी, सचिव, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार उपस्थित थे.

इसके अलावा, देवेंद्र कुमार सिंह, सचिव, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, संजय अग्रवाल, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार, गुजरात सरकार के निर्वाचित प्रतिनिधि तथा अन्य उच्च गणमान्य के साथ साथ अमूल तथा विशिष्ट अतिथिगण इस अवसर पर उपस्थित थे.

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