उत्तरांचल टुडे विशेष: ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ के सियासी पर्दे पर बसपा-सपा में भी शुरू हुई ड्रामे की पटकथा

आज बात करेंगे यूपी की. बसपा और सपा ने एक बार फिर अपनी-अपनी आस्तीनें चढ़ा लीं हैं. बस इंतजार कर रहे हैं पर्दा उठने का. फिलहाल दोनों दलों के नेता अभी नफा-नुकसान का आकलन करने में लगे हुए हैं. आइए आपको बताते हैं बहुजन समाजवादी पार्टी और सपा में सुलग रही चिंगारी की वजह क्या है.

पिछले दिनों राजनीति पर आधारित ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया. ‘फिल्म के ट्रेलर ने प्रदेश की सियासत को गर्म कर दिया, जिसके बाद बसपा-सपा में भी लिखी जाने लगी सियासी ड्रामे की पटकथा’.

बता दें कि यह फिल्म बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के जीवन पर आधारित है. फिल्म के पोस्टर और ट्रेलर के कई सीन विवादों में हैं, फिल्म का ये विवाद जातिगत आधार पर है। बसपाई कह रहे हैं कि इस फिल्म में मायावती की छवि को गलत तरीके से दिखाया गया है. बसपा और सपा कार्यकर्ता फिल्म का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं.

एक तरफ बसपा को लग रहा है कि फिल्म में कई तथ्य ठीक नहीं हैं, तो वहीं सपा कार्यकर्ता तर्क दे रहे हैं कि यादवों की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। जिसकी वजह से मैडम चीफ मिनिस्टर का विवाद गहराता जा रहा है.

दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के अलावा सोशल मीडिया पर भी मैडम चीफ मिनिस्टर के रिलीज हुए ट्रेलर पर तीखी नोकझोंक देखी जा रही है. सोशल मीडिया पर लिखे जा रहे कमेंट में कहा जा रहा है कि अगर कहानी दलित नेता के बारे में है तो कलाकार भी उन्हीं के समुदाय से होना चाहिए.

ऐसे मुद्दे पर दोनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने सियासी तरीके से विरोध करने का एलान कर रखा है. अभी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव आने में लगभग एक वर्ष बाकी है.

ऐसे में फिल्म मैडम चीफ मिनिस्टर ने बसपाई और सपाइयों को एक बार फिर से आमने सामने ला दिया है. हालांकि अभी इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कोई बयान नहीं आया है.‌

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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