Home ताजा हलचल मानसून सत्र में महिला सांसदों के उठाए गए प्रश्नों से संसद में...

मानसून सत्र में महिला सांसदों के उठाए गए प्रश्नों से संसद में कुछ देर तक थमा रहा शोर-शराबा

0

लगातार दो हफ्ते से मानसून सत्र हंगामे और शोर-शराबे की भेंट चढ़ गया है. पेगासस फोन जासूसी को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दल मोदी सरकार से जवाब मांग रही है. जिसके वजह से विधेयकों पर केंद्र सरकार चर्चा नहीं कर रही है. आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को मानसून सत्र न चलने के लिए जिम्मेदार ठहराया.

इस बीच पुरुष सांसदों के शोर-शराबे के बीच एक अच्छी बात निकलकर आई. मंगलवार को दो महिला सांसदों ने अपने सवालों से संसद में कुछ देर के लिए वातावरण खुशनुमा बना दिया. दोनों सांसदों के सवालों का पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने भी सम्मान किया. इसके साथ ही दोनों के सवालों के केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने जवाब भी दिए. आइए अब आपको बताते हैं इन महिला सांसदों के नाम और उन्होंने संसद में क्या मुद्दे उठाए.

लोकसभा में दो महिला सांसदों ने किसानों का मुद्दा उठाया. महाराष्‍ट्र के रावेर से भाजपा सांसद रक्षा निखिल खड़से और अमरावती सांसद नवनीत राणा ने सबसे पहले सवाल पूछे.दोनों के सवाल किसान फसल बीमा से जुड़े थे. इस दौरान संसद में शांति नजर आई. सांसद रक्षा निखिल खड़से ने महाराष्‍ट्र ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ का मुद्दा उठाया. उन्‍होंने कहा, ‘महाराष्‍ट्र में पिछले दो साल से किसानों को इसका फायदा नहीं हुआ है. जबकि हमने कई बार महाराष्‍ट्र सरकार को चिट्ठी लिखी.

मैं मंत्री जी से जानना चाहती हूं कि किसानों को कब तक इसका लाभ मिलेगा?’ केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्‍याण राज्‍य मंत्री कैलाश चौधरी जवाब देने खड़े हुए. उन्‍होंने कहा कि राज्‍य से जो आंकड़ा आया है, उसके अनुसार राज्‍यांश से पैसे आए नहीं हैं, वे आ जाएंगे तो सरकार जारी कर देगी. अभी नुकसान का आंकलन किया जा रहा है, उसके बाद मुआवजा भारत सरकार देगी. वहां जो भी बकाया है, वह राज्‍य सरकार का अंश है.

उसके बाद महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने भी फसल बीमे से जुड़ा सवाल पूछा. राणा ने कहा कि ‘मेरे संसदीय क्षेत्र में सोयाबीन, मूंग की खेती में भारी नुकसान हुआ, जिनके पिछले साल का भुगतान अब तक नहीं दिया गया. इसमें क्‍या सरकार और मंत्री महोदय कोई एक्‍शन लेना चाहेंगे? और फसल बीमा भुगतान तथा इंस्‍टॉलमेंट के कार्य सरकार 14 अलग-अलग कंपनियों को देती है.

सरकार ऐसी कोई सरकारी बीमा कंपनी बनाने पर विचार कर रही है जिससे सरकार के पैसे सीधे सरकारी बीमा कंपनियों में तथा बीमा कंपनी के कमिशन का लाभ किसानों को हो. सांसद नवनीत राणा के उठाए गए मुद्दे का कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने जवाब दिया. उसके बाद एक बार फिर लोकसभा में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया इसके बाद संसद की कार्यवाही आज फिर दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version