Home उत्‍तराखंड विशेष: उत्तराखंड की सियासत में मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल को लेकर लगा रहा...

विशेष: उत्तराखंड की सियासत में मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल को लेकर लगा रहा ‘अपनों का ग्रहण’

0
सीएम रावत

कुछ दिनों पहले तक लग रहा था कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपना कार्यकाल पूरा कर रिकॉर्ड बनाएंगे. इसके लिए वे जोर-शोर से तैयारी भी कर रहे थे. त्रिवेंद्र सिंह रावत बहुत आत्मविश्वास के साथ कहते फिर रहे थे कि ‘मैं इस बार 5 साल का कार्यकाल पूरा करूंगा’.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसी महीने 18 मार्च को अपनी सरकार का 4 साल पूरा होने की खुशी में एक बड़े जश्न के आयोजन की तैयारी में भी लगे हुए थे. इसी इरादे से वह धड़ाधड़ विकास योजनाओं को लागू करने में लगे हुए थे. बात को आगे बढ़ाएं उससे पहले आपको बता दें कि उत्तराखंड में अभी तक भाजपा की सरकारों में कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है.

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शुरुआती समय में धीमी गति से चलकर अपने आपको स्थापित करने में लगे रहे. चार साल तक आते-आते वह एक सधे हुए नेता के तौर पर वो उभर कर सामने आए. लेकिन राजनीति के मैदान में भी अनिश्चितता का दौर खूब देखा जा रहा है, पता नहीं चलता कि अगले दिन कौन सा विरोधी खेमा कहां अपना मोहरा फिट करने वाला है.

सोमवार को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह को अचानक दिल्ली तलब कर प्रदेश की सियासी धड़कनें बढ़ा दी. उत्तराखंड बीजेपी के कई विधायकों की सीएम रावत से नाराजगी से उनकी कुर्सी पर संकट मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है. सियासी उथल-पुथल के बीच दिल्ली से लेकर राज्य तक बैठकें चल रही हैं.

त्रिवेंद्र सिंह रावत ही उत्तराखंड के सीएम रहेंगे या कोई और बनेगा इसे लेकर बहस जारी है. एक बार फिर राज्य में बीजेपी के एक सीएम का कार्यकाल नहीं पूरा कर पाने का रूपरेखा लिखी जा रही है. ऐसे में क्या बीजेपी को सीएम रावत इस सियासी संकट से उबार पाएंगे या नहीं? आपको बता दें कि उत्तराखंड की राजनीति कभी स्थिर नहीं रही.

वर्ष 2000 में उत्तराखंड का निर्माण हुआ था। उस समय बीजेपी की सरकार बनी थी, जिसके बाद अगले दो सालों में बीजेपी के ही दो मुख्यमंत्री बने थे. इस बार प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की तीसरी बार सत्ता में है.

लेकिन कोई भी सीएम अपने पांच सालों का कार्यकाल अभी तक पूरा नहीं कर पाया है. ऐसे ही कांग्रेस पार्टी का हाल रहा. नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर कोई भी कांग्रेसी मुख्यमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version