डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाले भारत में अब सरकार UPI (Unified Payments Interface) ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने पर विचार कर रही है, खासकर जब ट्रांजैक्शन राशि ₹3000 से अधिक हो। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) इस विषय पर गंभीरता से चर्चा कर रहे हैं।
वर्तमान में UPI ट्रांजैक्शन पूरी तरह से फ्री हैं, जिससे करोड़ों लोग रोजमर्रा के भुगतान सरलता से कर रहे हैं। लेकिन सरकार इस सिस्टम को और अधिक “सस्टेनेबल और लाभदायक” बनाने के लिए उच्च-मूल्य के लेनदेन पर न्यूनतम शुल्क लगाने का विकल्प देख रही है। इस चार्ज से बैंकिंग सेवा प्रदाताओं को बेहतर तकनीकी सुविधाएं देने में मदद मिल सकती है।
हालांकि, यह प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है और अंतिम निर्णय से पहले आम जनता, बैंकों और डिजिटल सेवा प्रदाताओं से सुझाव लिए जा सकते हैं। ₹3000 से कम की राशि पर कोई शुल्क नहीं लगाने की बात भी सामने आई है।
अगर यह नियम लागू होता है, तो यह डिजिटल भुगतान पर एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, जिसका सीधा असर मिडल क्लास और रेगुलर UPI यूज़र्स पर पड़ेगा।