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गूगल ने एस्प्रेसो मशीन के गॉडफादर को डूडल बनाकर दी श्रृद्धांजलि, जानिए उनकी कहानी

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दुनियाभर में कॉफी के चाहने वालों की कमी नहीं है. पहले कॉफी विदेशों में ज्यादा पसंद की जाती थी लेकिन धीरे-धीरे अब भारत में भी इसके प्रशंसकों की तादाद काफी बढ़ गई है. इनमें से कई लोगों हैं जिनकी पसंदीदा कॉफी एस्प्रेसो है. आज उसी एस्प्रेसो मशीन के जनक की जयंती है.

उनका है नाम है एंजेलो मोरियांडो (Angelo Moriondo) है. आज 6 जून को उनकी 171वीं जयंती के अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रृद्धांजलि दी है.

गूगल डूडल
गूगल अक्सर खास दिनों या शख्सियतों को लेकर डूडल बनाता है. आज के डूडल में गूगल ने एस्प्रेसो मशीन के तीन जिफ (जीआईएफ) बनाए हैं. एक और खास बात यह कि इस डूडल को पूरी तरह से कॉफी से पेंट किया गया है. गूगल ने एंजेलो मोरियांडो को गॉडफादर ऑफ एस्प्रेसो मशीन कहा है.

कौन थे एंजेलो मोरियांडो
उनका जन्म 6 जून, 1851 को इटली के ट्यूरिन में हुआ था. वह व्यवसायियों के एक परिवार में पैदा हुए थे. मोरियांडो के दादा ने एक शराब उत्पादन कंपनी की स्थापना की थी जिसे मोरियांडो के पिता को सौंप दिया गया था. उन्होंने बाद में अपने भाइयों के साथ मिलकर मोरियांडो और गैरीग्लियो चॉकलेट कंपनी बनाई. इटली में कॉफी काफी लोकप्रिय थी. इसलिए उन्होंने सोचा कि अगर एक बार में कई कॉफी तैयार की जा सकें तो अधिक ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाई जा सकेगी. यहीं से उन्होंने एस्प्रेसो मशीन बनाने के बारे में सोचा. मोरियांडो ने ट्यूरिन शहर में होटल और बार भी खरीदा था.

शुरुआती मशीन
मोरियांडो ने शुरुआती जो मशीन बनाई उसमें भाप और उबलते पानी के मिक्स का इस्तेमाल किया. उनकी मशीन में एक बॉयलर पानी को गर्म करता उसे कॉफी बेड की ओर भेजता. वहीं, दूसरा बॉयलर भाप बनाता जिससे काफी बनने में सहायता मिलती. उन्होंने 1884 में ट्यूरिन के जनरल एक्सपो में अपनी मशीन का पदार्पण किया जहां वह कांस्य पदक जीते थे. गौरतलब है कि इस मशीन को बनाने के लिए उन्होंने एक मैकेनिक को हायर किया था. आने वाले समय में मोरियांडो ने मशीन में कई बदलाव किए. उन्होंने पहली एस्प्रेसो मशीन का पेटेंट भी हासिल कर लिया.










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